यूपी की यह लड़की कोरोना को हराकर पहुंची अपने घर -आइये जानते है |
आशीष धामा ,नॉएडा कोरोना वायरस - पिछले कई दिनों से यू पि ही नहीं दू निया के बड़े बड़े देशो की हालत बहुत ख़राब है | भारत में भी कोरोना वायरस महामारी जैसा फेल गया है , लें इससे डरे नहीं हिमत से इस वायरस से आप लड़िये लेकिन जरा सावधानी से | हॉस्पिटल में इसके इलाज की साड़ी सुविधा आपको दी गई है लेकिन कुछ मरीज वह से भी भाग निकल रहे है | डॉक्टरों के साथ साथ हमारे पुलिस वालो ने भी हर मरीज को जिम्मा उठा रखा है ताकि वो इस महामारी से बचा रहे |
लें आज हम आपको बताते है नॉएडा से एक ऐसी लड़की के बारे में जिसने इस महामारी को हराकर ही दम लिया, आइसोलेशन में इस लड़की को रखा गया था, जहा इस लड़की को पूरा दिन पड़े रहना जेल जैसा लगता था | लेकिन डॉक्टरों और बाकी के स्टाफ ने इस लड़की को हौसला दिया जहा यह कहा गया की डरने की कोई बात नहीं तुम ठीक हो जाओगी समझदारी और हिमत से यह लड़की कोरोना वायरस को पीछे छोड़ अपने घर यू पी में आगई|
यह एक एक दिन उस लड़की का बहुत दर भरा और अकेलेपन सा था आइसोलेशन के वार्ड में कुल १४ दिनों तक रहना एक कठिन काम सा हो गया था | जिसके बाद लड़की ने कोरोना वायरस को हरा ही दिया और कहा की अब १४ दिनों तक में अपने घर में रहूंगी जहा चिकित्सा को ही अपना एक मात्र पेशा बनाउंगी | जिस तरह डॉक्टरों ने उस लड़की का हिम्मत और हौसला बढ़ाया वो काबिलेतारीफ है |
शंभलि यूरोप में एम् बी बी एस की पढाई कर रही है , वही दोस्तों के साथ फ्रांस घूमने चली गई | उन्हें ये भी नहीं पता चल की वो संक्रमित हो चुकी है ,घर में सभी से मिलने का बड़ा मैं बना चुकी थी शंभली | घर पर पहुचते ही तबियत ख़राब हो गई उनकी सास तकलीफ होने लगी तो उन्होंने स्वास्थ स्वास्थ विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर अपनी पूरी जानकारी देदी जहा १५ मार्च को आंबेडकर हॉस्पिटल में उनकी जाँच हुई जहा उन्हें पॉजिटिव बताया गया
इसलिए कहते है जिंदगी में माननी चाहिए हालत कैसे भी हो लड़ते रहना चाहिए जो शंभलि ने कर दिखाया और कोनो वायरस को मात देकर अपने घर यू पी पहुंच गई |
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