मिशन चंद्रयान
चंद्रयान-2:चाँद पर पहुंचने वाला चौथा देश भारत होगा
सार
- चंद्रयान - २ चाँद पर भेजा जाने वाला भारत का दूसरा तथा चंद्रयान-1 का उन्नत संस्करण है।
- इस मिशन पर लगने वाली कुल लागत लगभग 960 करोड़ है।
- भारत मानव को २०२२ तक अंतरिक्ष में भेजने की तयारी में है|
- इस मिशन को विदेशी धरती से लॉन्च करने की तुलना में यह लागत लगभग आधी थी ।
- 'चंद्रयान 2' का ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर का डिसाइन पूरी तरह भारत में है ।
- यह 27-किलोग्राम का रोवर 'प्रज्ञान है जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर दो क्रेटरों के बीच ऊंची सतह
विस्तार
थुंबा से शुरू हुआ भारत का अंतरिक्ष सफर अब काफी आगे निकल चुका है और दुनिया के शीर्ष देशों में हमारी गिनती हो चुकी है। 22 अक्तूबर, 2008 को पहले चंद्र मिशन के तहत भारत ने चंद्रयान-1 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। 22 अक्तूबर, 2018 को पहले चंद्र मिशन के दस साल पूरे हो चुके हैं। अंतरिक्ष क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय होड़ सोमवार को उस समय और तेज हो जाएगी, जब भारत अपने कम-खर्च वाले मिशन को लॉन्च करेगा और दुनिया का चौथा ऐसा देश बन गया , ज चंद्र पर खोजी यान उतारा है।
भारत ने 3,84,400 किलोमीटर (2,40,000 मील) की यात्रा के लिए 'चंद्रयान 2' को तैयार करने में 960 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, और यह सतीश धवन स्पेस सेंटर से सोमवार को उड़ान भर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर 6 या 7 सितंबर को उतरेगा। इस मिशन से पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के रहस्यों को जानने में न सिर्फ भारत को मदद मिली बल्कि दुनिया के वैज्ञानिकों के ज्ञान में भी विस्तार हुआ।
तो दोस्तों आपको ये जानकारी कितनी महत्वपूर्ण लगी और भारत के की इस कामयाबी के बारे में आप क्या कहना छाएंगे आप मुझे अपनी राये जरूर देना भरत की इस अचूक सफलता के लिए भारत जैसा महँ देश बधाई का पात्र है जय हिन्द जय भारत |
Milan Tomic
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